महिला संग़ठनों का मोर्चा
जिस वक्त यह मार्च निकाला गया कि उसी वक्त सूबे के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार 24 देशों के प्रतिनिधियों के साथ पंचसितारा होटल मौर्य में बिहार के विकास की चर्चा कर रहे थे। मार्च का नेतृत्व ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, राज्य अध्यक्ष सरोज चौबे, राज्य सचिव शशि यादव, नगर सचिव अनीता सिन्हा ने किया। मार्च के साथ चलने वाली महिलाँए अपनी माँगों के समर्थन नारे लगा रहीं थी। प्रमुख मांगों में हाल में हुए महादलित महिला की पिटाई करनेवाले सत्ताधारी दल जदयू.के महासचिव मंत्री पति विजय सिंह की गिरफ्तारी की माँग प्रमुख थी। ज्ञात्तत्व है कि शुक्रवार को पटना में एक मुक-बधिर विकलांग छात्रा के बलात्कार के बाद पुलिस के रवैये पर स्थानीय लोंगों में प्रशासन के प्रति क्षोभ है। हालांकि सिटी एसपी किम के दखल के बाद एफआईआर दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया गया है।
मार्च के अंत में आयोजित सभा को संभोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि जहां एक तरफ राजधानी में पांच सितारा होटल में जनता के करोड़ो रूपये खर्च कर तमाम सरकारी तंत्र को बिहार की तरक्की की तस्वीर पेश करने के लिए लगा दिया गया है वहीं राजधानी में भी लोग अपने को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहें हैं। पिछले पखवाड़े में चेन स्नैचिंग,बलात्कार और छेड़खानी के मामले में अप्रत्याशित वृद्धि हूई है- जबकि सरकार इन सबसे आंखे मूंद अपने इमेंज बेहतर बनाये रखने के लिए लगातार सरकारी आयोजन कर मीडिया का ध्यान बंटाने में लगी है। जिस समाज में महिलाँए असुरक्षित है वहां विकास के अन्य सभी कसौटी बेमानी है। केवल चन्द आर्थिक सुधारो को विकास के सभी पटल का धोतक् नहीं माना जा सकता। प्रमुख महिला वक्ताओं में अनुराधा सिंह, आवदा खातून, पूजा कुमारी शामिल रहीं।