बिहार को मदद करे य़ोजना आयोगः नीतिश
एक्सप्रेस ग्रुप संवाददाता, एस.अमित, पटना - ग्लोबल समिट 2012 के समापन सत्र के दिन मुख्यमंत्री नीतिश कुमार पूरे जोश से लवरेंज दिखे। उन्होनें अपने भाषण के दौरन 24 देशों के प्रतिनिधियों और देश के 20 अन्य राज्यों से आये विभिन्न टीमों को बिहार का उत्साह बढाने के लिए सभी को धन्यवाद दिया। य़ोजना आयोग के सदस्य प्रोफेसर अभिजीत सेन की ओर मुखातिब होकर उन्होने सवालिया लहजे में कहा कि अब लोग हमारी और कितना परीक्षा लेंगे। बिहार विकास के पथ पर अग्रसर है और केन्द्र का सहयोग मिला तो बिहार की विकास की गति को वांछित गति मिल पायेगी।
कभी आक्रमक तो कभी अनुरोध की मुद्रा में दिखे नीतिश ने य़ोजना आयोग से कहा कि बिहार गरीब है और गरीब बेईमान नहीं होता, इसलिए हमारा जो भी अधिकार है वह हमें दिया जाये। अपने लंबे भाषण के दौरान नीतिश ने आधारभूत संरचना के क्षेत्र में किये गए कार्यों के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होनें मंच से लोगों से पूछा की – आप लोग ही बताइये कि क्या पटना से गया के बीच फोरलेन सड़क नहीं बननी चाहिए-। पीपीपी मोड पर किये जा रहे कार्यों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करते हुए उन्होने कहा की बख्तियारपुर-ताजपुर मेगाब्रिज इसका ज्वलंत उदाहरण है। आगे उन्होने कहा कि रजौली-बख्तियारपुर सड़क का निर्माण तो शुन्य वीजीएफ पर करने के लिए निजी क्षेत्र से आमंत्रण आये है।
मुख्यमंत्री के अनुसार नेपाल के प्रधानमंत्री, माँरीशस की टीम और लार्ड मेघनाथ देसाई समेत कई विशेषज्ञों के आने और उनके विचारों को जानने के बाद उनका विश्वास बढा है और वे दुगुनी ताकत से बिहार को उसके लक्ष्य तक पहुँचाने के लिए काम करने के लिए कृतसंकल्प है। इस आयोजन से जहां स्फूर्ति का संचार हुआ है वहीं हमें सुधार प्रक्रियाओं को नई दिशा देने के लिए प्रेरणा भी मिली है। हमने अपनी कमजोरी और ताकत को पहचानने का प्रयास किय है। भारत के किसी भी राज्य में पहली बार कृषि कैबिनेट का गठन ऐसे ही प्रयासों का उदाहरण है।
इस मौके पर महात्मा गाँधी के सुपौत्र और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी ने भी अपने विचार व्यक्त किये। होटल मौर्य के परिसर के लाँन में आयोजित सभागार उस समय तालियों की गड़गडाहट से गुँज उठा जब उन्होने कहा कि आज देश की तस्वीर कुछ और होती यदि जवाहरलाल नेहरु के प्रस्ताव को मान कर जयप्रकाश नारायण भारत के प्रधानमंत्री पद को स्वीकार कर लिये होते। बिहार की बदलती तस्वीर पर उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि एक समय था जब अन्य जिलों को छोड़ दे- राजधानी की सड़कों पर शाम से ही लोग नजर नहीं आते थे। बिहार भ्रष्टाचार से एक निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है और समुचित और समेकित विकास के लिए यह सर्वाधिक आवश्यक है।